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बालाजी दल द्वारा आयोजित गतिविधियाँ

बालाजी दल द्वारा आयोजित गतिविधियाँ

जागरण

‘नाम तेरा ले करके बाबा, मैंने सारी रात जगाई है,

अब तो मेरी अर्जी खोलो, न जाने कहाँ छुपाई है।’


बालाजी दल द्वारा प्रतिवर्ष जून एवं दिसंबर माह में भव्य रात्रि जागरण एवं संकीर्तन का आयोजन श्री मेहंदीपुर बालाजी में संपन्न होता है। यह 3 दिन चलता है, जिसमें संगत परिवार की संख्या 5000 (पाँच हज़ार) तक पहुँच जाती है। इस आयोजन में सभी भक्तों को प्रातः, दोपहर एवं शाम को शुद्ध सात्विक भोजन प्रसाद दिया जाता है। मेहंदीपुर धाम (राजस्थान) में आयोजित होने वाले इस जागरण में शामिल होने के लिए दूर - दूर से संगत आती है।

जिस रात को जागरण होता है, उस दिन सुबह विशाल हवन होता है, जिसमे संगत परिवार के सभी सदस्य (पुरुष, महिला, बच्चे) मंत्र व आहुतियों द्वारा श्री बालाजी महाराज जी का आवाहन करते हैं।


भक्तगण श्री बालाजी महाराज जी को, अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए अर्जी लगाते हैं तथा सुबह-शाम श्री बालाजी महाराज जी की आरती तथा छींटे लेते हैं। जब अर्जी पूरी हो जाती है तो श्री बालाजी महाराज जी को सवामनी का भोग लगाया जाता है। 


जागरण में बजने वाला संगीत और गायकों द्वारा गाए जाने वाले भजन इतने सुरीले तथा मनमोहक होते हैं कि सम्पूर्ण रात्रि बहुत आनन्द से बीतता है।

चौकी तथा ऑनलाइन चौकी

‘मंगलवार तुम्हारा है, शनिवार तुम्हारा है।

श्री बालाजी संभालो, यह परिवार तुम्हारा है।।’

बालाजी दल कार्यालय (मयूर विहार) में हर मंगलवार और शनिवार को श्री गुरुजी महाराज द्वारा चौकी ली जाती है। इन दोनों चौकियों का प्रसारण ऑनलाइन माध्यम से भी किया जाता है। देश के विभिन्न भागों तथा विदेश से भी, संगत परिवार के सदस्य, ऑनलाइन माध्यम द्वारा, बाबाजी के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

चौकी के बाद आरती होती है तथा प्रसाद वितरण होता है। भक्तजन कार्यालय से रक्षा कवच और जल भी प्राप्त करते हैं। संगत परिवार के सदस्यों का यह दृढ़ विश्वास है कि रक्षा कवच धारण करने से तथा जल का सेवन करने से हम सब सुरक्षित रहते हैं।

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प्रत्येक मंगलवार को फुलेरा धाम मंदिर में सुन्दरकाण्ड पाठ

बालाजी मंदिर फुलेरा धाम में समय-समय पर धार्मिक आयोजन संपन्न किए जाते हैं, जिसमें श्री हनुमान जन्मोत्सव, कृष्ण जन्माष्टमी और दीपावली प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त, सुन्दरकाण्ड का पाठ एवं संकीर्तन भी करवाया जाता है, जिससे हमारे संगत परिवार के अतिरिक्त आसपास के गाँव से धार्मिक प्रवृत्ति के लोग सम्मिलित होते हैं। श्री बालाजी की मूर्ति का प्रतिमाह चोला चढ़ाया जाता है। यह चोला, प्रायः सोने के वर्क का होता है एवं कभी-कभी चाँदी के वर्क का प्रयोग होता है। तत्पश्चात, भंडारा प्रसाद की व्यवस्था की जाती है।

कलयुग में ऐसे धार्मिक अनुष्ठान का होते रहना अति आवश्यक है। जहाँ हर कोई बैर, विरोध की भावना से ग्रसित है, वहीं बालाजी दल द्वारा किए जाने वाले धार्मिक कार्यक्रमों द्वारा मनुष्य में ईश्वर भक्ति की भावना जागृत होती है।

मेहंदीपुर धाम (सुन्दरकाण्ड पाठ)

‘आता रहूँगा दर पर तेरे, अपना शीश झुकाने को ।

तुम भी मुझे बुलाते रहना, अपना मान बड़ाने को ।।’

संगत परिवार के सदस्य, प्रत्येक महीने श्री बालाजी महाराज, मेहंदीपुर (राजस्थान) के दर्शनों के लिए जाते हैं। श्री बालाजी महाराज जी के पावन धाम में सुंदरकाण्ड का पाठ होता है। तत्पश्चात गुरुजी महाराज द्वारा, बाबाजी के आदेशानुसार चौकी ली जाती है। उनके श्रीमुख से भक्तों को ज्ञानपूर्वक बातें बताई और समझाई जाती हैं। श्री बालाजी महाराज जी का भजन करने तथा कुछ नियमों का पालन करने का सन्देश दिया जाता है।