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बालाजी दल के बारे में

बालाजी दल एक धार्मिक संगठन एवं ट्रस्ट है। बालाजी दल अपने संगत परिवार को धर्म की राह पर चलने और निरंतर ईश्वर भक्ति करने के लिए प्रेरित करता है। विशेषकर, श्री बालाजी महाराज की अर्चना पर ही महत्व दिया जाता है। कलयुग में केवल श्री बालाजी महाराज की भक्ति से ही मनुष्य भवसागर से पार हो सकेगा, ऐसा तो ग्रंथों में भी विदित है। 

‘कलयुग केवल नाम अधारा । सुमिर सुमिर नर उतरिही पारा ।।’

बालाजी दल केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक परिवार है। इस परिवार में, अलग अलग प्रांतों के लोग जुड़े हुए हैं, जो सदैव बालाजी दल की गरिमा एवं विशेषता को बनाए रखने के लिए तत्पर रहते हैं। इस दल का यह ही उद्देश्य है कि सब लोग आपस में मिलजुल कर, प्रेम तथा शांति से श्री बालाजी महाराज की भक्ति करें। संगत परिवार के सदस्य, आपसी अभिवादन में ‘जय बाबा की’ कहते हैं। कठिन परिस्थितियों में भी बालाजी दल अपनी संगत को भगवान का भजन करने का आग्रह करता है।

उद्देश्य

परम आदरणीय श्री गुरुजी बलजीत जी महाराज द्वारा संचालित एवं निर्देशित यह संस्था अपने संगत परिवार को सदैव धर्म पथ पर चलने को प्रेरित करती है। धार्मिक संस्कार एवं धर्म परायण बनने के लिए अपने पारिवारिक सदस्यों को प्रेरणा देती है।

गुरु जी कहते हैं कि -

- आप अपने आहार और विचारों को सात्विक बनाकर अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।

- गुरुजी परिवार की महिलाओं एवं बेटियों को भोजन बनाते समय भी हनुमान चालीसा का पाठ करने को कहते हैं। इससे भोजन, प्रसाद रूप में परिवर्तित हो जाता है।

गुरुजी का मुख्य उद्देश्य, सात्विकता का, सनातन धर्म का, श्री हनुमान भक्ति का, एवं हनुमान चालीसा का प्रचार- प्रसार करना है, जो कि इस कलयुग में अत्यंत कारगर है।

सेवा - धैर्य - विश्वास

बालाजी दल का मानना है कि- निःस्वार्थ भाव से श्री बालाजी महाराज की सेवा करें, धैर्य रखें और ऐसा अटल विश्वास रखें कि श्री बालाजी महाराज ही मेरे सारे काम सिद्ध करेंगे।


आज के बच्चे, कल के राष्ट्र निर्माता

इस दल में सभी आयु वर्ग के सदस्य सम्मिलित हैं। जब बच्चे अपने माता-पिता को हनुमान चालीसा का निरंतर जाप करते देखते हैं तो उनमें भी भगवान का भजन करने की भावना जागृत होती है और बच्चों में अच्छे संस्कार आते हैं। अच्छे संस्कार, अच्छी सोच को आमंत्रित करता है, जो व्यक्तिगत विकास के लिए तो आवश्यक है ही, साथ में, राष्ट्र निर्माण में भी सहायक सिद्ध होता है।


मेहंदीपुर धाम में विशाल जागरण

बालाजी दल द्वारा प्रत्येक छः महीने के अंतराल में (जून व दिसंबर में) सामूहिक हवन तथा विशाल जागरण करवाया जाता है। प्रत्येक मास बालाजी दल अपनी संगत को मेहंदीपुर धाम (राजस्थान) लेकर जाता है और वहाँ श्री बालाजी महाराज के सानिध्य में सुन्दरकाण्ड का पाठ होता है। पाठ के पश्चात बालाजी दल के परम पूज्य गुरुदेव श्री बलजीत जी खरब की छत्रछाया में बाबाजी द्वारा बड़ी चौकी ली जाती है।


श्री बालाजी महाराज का मन्दिर - फुलेरा धाम (बागपत) एवं मामूरा धाम (नोएडा)

बालाजी दल ने फुलेरा, बागपत में श्री बालाजी महाराज के मन्दिर का निर्माण किया है। यहाँ पर हर मंगलवार को सुंदरकाण्ड पाठ बालाजी दल द्वारा करवाया जाता है। बालाजी दल द्वारा, ग्राम मामूरा, नोएडा (यू.पी.) में भी मन्दिर निर्माण कार्य किया जा रहा है।


मन में आस्था है तो मुश्किलों में भी रास्ता है...

बालाजी दल कार्यालय (मयूर विहार) में सप्ताह के दो दिन, मंगलवार और शनिवार को बाबाजी की चौकी लगती है। इसका प्रसारण ऑनलाइन भी किया जाता है, जिससे, जो भक्तजन कार्यालय नहीं आ पाते, वह घर बैठे ही दर्शन का लाभ उठा सकते हैं।

बालाजी दल समय समय पर विशेष अवसरों, जैसे - श्री हनुमान जन्मोत्सव, श्री राम नवमी, गुरु पूर्णिमा, श्री गुरुजी महाराज जी के जन्म दिवस पर, सुंदरकाण्ड का पाठ तथा भंडारे की व्यवस्था करता है।

सेवादार भी सदैव इसी प्रयास में लगे रहते हैं कि संगत के प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी प्रकार की कोई भी दिक्कत या परेशानी न हो। बालाजी दल के सेवादार, संगत की खुशी में ही अपना सुख समझते हैं और किसी भी सदस्य की दुःख की घड़ी में बाबाजी से उनके दुख दूर करने के लिए अरदास करते हैं। अतः बालाजी दल अनेकता में भी एकता दर्शाते हुए एक विशाल परिवार है जो सनातन धर्म के प्रचार एवं प्रसार में निरंतर योगदान कर रहा है।